Aaloo Ka Size Kaise Badhayen: आलू की बंपर उत्पादन कैसे ले सकते हैं? आलू की बुवाई का समय चल रहा है और यह बिल्कुल सही समय है आलू की बुवाई करने का यदि आप थोड़ा सा भी देरी करते हैं तो आलू का उत्पादन कम हो जाएगा। आलू की बुवाई किस तरह करें कि उत्पादन ताबड़तोड़ निकले इस लेख के माध्यम से जानेंगे।
आलू की बंपर पैदावार लेने के लिए और Aaloo Ka Size Kaise Badhayen आलू की फसल को शुरुआत से लेकर के अंतिम निगरानी करनी पड़ती है। यदि आप एक ही खेत में लगातार आलू की फसल लगाते आ रहे हैं। तो उसमें देसी खाद जरूर डालनी चाहिए। यदि आप देसी गोबर की खाद नहीं डाल सकते तो केमिकल फर्टिलाइजर की मात्रा बढ़ानी होगी।
आलू की फसल में सिंचाई कितनी करनी चाहिए आलू के मेड़ पर पानी कितना ऊपर तक जाना चाहिए। इसके साथ ही आलू की फसल में जड़ गलन और तना गलन की समस्या आती है ऊपर से अर्ली ब्लाइट और लेट ब्लाइट यह दोनों रोग भी लगते हैं और तेल और माहु जैसे इंसैक्ट के आ जाने से पत्तो का सिकुड़ने जैसी समस्या देखने को मिलती है।
डी.ए.पी, पोटाश, सल्फर और कुछ माइक्रो न्यूट्रिएंट बुवाई करते समय डाल देते हैं या उससे पहले डाल देते हैं और जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है तो उसके ऊपर से यूरिया छिट देते हैं जिसे पौधा 70 से 80% तक ग्रहण कर लेता है लेकिन फास्फोरस की पूर्ति कैसे की जाए? और फास्फोरस के साथ-साथ ऐसी कौन-कौन से माइक्रोन्यूट्रिएंट है जो आलू के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं इसलिए इस लेख को पूरा पढ़े।
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आलू का उत्पादन कैसे बढ़ाएं?
आलू एक ऐसी फसल है जो जमीन के अंदर होती है इसीलिए सारी मेहनत जमीन के अंदर के लिए करनी होती है और जमीन से ऊपर पौधे को स्वस्थ रखना बहुत आवश्यक होता है। साथ ही जड़ों का भी स्वस्थ होना और संख्या अधिक होना ताकि अधिक से अधिक आलू के ट्यूबर यानी आलू बने तभी आलू का उत्पादन अधिक होगा।
किसान भाई जिन खेतों में वर्मी कंपोस्ट खाद या गोबर का खाद इस्तेमाल किया जाता है वहां पर आप देखेंगे कि आलू का उत्पादन अच्छा देखने को मिलता है। यदि आलू का पौधा अच्छा स्वस्थ है जैसे ही आलू जर्मेनेट होता है और उसका तना मोटा और स्वस्थ होता है तो पौधे की ग्रोथ एकदम शानदार होती है।
लेकिन यदि तना पतला होता है तो पौधा ऊपर जाएगा और और अधिक लंबा होने के कारण पौधा नीचे गिर जाएगा जिसके कारण ब्लाइट जैसे रोग लगेंगे और आलू की संख्या भी कम हो जाएगी।
इसलिए आलू का शानदार उत्पादन लेने के लिए आलू के पौधे का मोटा होना बेहद आवश्यक होता है और पौधे को मोटा करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फास्फोरस की होती है।
आलू की बुवाई करने से पहले खेत में देसी खाद जरूर डालें क्योंकि देसी खाद पौधे की ग्रोथ में और उसके तने को मोटा करने में मददगार साबित होता है। सरसों में पहली सिंचाई के समय डालें ये खाद स्प्रे 15 क्विंटल की है गारंटी।
आलू का साइज कैसे बढ़ाए ? | Aaloo Ka Size Kaise Badhayen
जब आलू की फसल 40 से 50 दिन की हो जाए तब की आलू के पौधों में फास्फोरस की पूर्ति NPK के रूप में करनी है तो NPK 05234 का स्प्रे 40 से 50 दिन में करना होगा और 15 दिन बाद दोबारा करना है। NPK 05234 की मात्रा एक किलोग्राम प्रति एकड़ रखनी है।
इसके साथ ही 20% वाला बोरोन 1 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से लेकर छिड़काव कर दीजिए। और 40 से 50 दिन बीतने पर यदि पौधों में अच्छी ग्रोथ देखने को ना मिले तो ऐसी अवस्था में यूरिया की पूर्ति जरूर करें 25 से 30 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।
जब भी आप यूरिया डालें उसके साथ में सल्फर की मात्रा अवश्य मिलाए 1 से 2 किलो के बीच में कोई भी मात्रा लेकर के यूरिया के साथ मिलाकर सल्फर जरूर डालें। गेहूं की TOP 5 वैरायटी पैदावार 85 क्विंटल।
40 से 50 दिन की अवस्था में पौधों को पोटाश की बहुत आवश्यकता होती है ध्यान रहे की पोटाश को पौधे के ऊपर नहीं छिड़कना है अन्यथा पौधों की पत्तियां जल जाएगी और जिससे काफी नुकसान होगा पोटाश डालने के लिए पोटाश को एक ड्रम में लेकर के पानी के साथ घोल ले और जब सिंचाई करें तो पानी के साथ धीरे धीरे मिला दे ताकि सभी पौधों के पास पोटाश की मात्रा पहुंच जाए।
आलू की सिंचाई करते समय कभी भी पौधे के तने तक पानी नहीं भरना चाहिए मेड़ी की आधी उचाई तक ही पानी का भराव होना चाहिए। रामबाड़ उपाय: मोथा ,दूब ,गाजर घास ,जैसे जिद्दी खरपतवारों का जड़ से सफाया।
जड़ो में कोई भी रोग ना लगे इसके लिए इस वीडियो को देखे।
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