धान की खेती में सबसे अधिक मजदूरी लगती है और मजदूरों का मिलना भी बहुत मुश्किल हो जाता है धान की खेती का सीजन आ गया है आज के इस पोस्ट में हम आपको धान लगाने की कुछ ऐसी विधियों के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिससे आप धान की खेती आसान और लगने वाले लागत को आधा कर सकते हैं। और उत्पादन पहले जैसा ही रहेगा।
किसान भाइयों धान की फसल, नर्सरी लगाकर फिर उसकी रोपाई कराना मजदूरी बहुत अधिक महंगी पड़ जाती है। वर्तमान समय में मजदूरों का मिलने की समस्या और उनकी मजदूरी बढ़ती जा रही है जिससे धान की खेती में बहुत अधिक लागत आती है। लेकिन इस विधि से आप मजदूरी बचा सकते हैं पानी की लागत कम कर सकते हैं धान के बीज की लागत कम कर सकते हैं और धान की खेती से अधिक लाभ कमा सकते है।
इस पोस्ट को अपने किसान मित्रों के साथ अवश्य साझा करें क्योंकि यह लेख एक बहुत बड़ी परेशानी दूर करता है धान की खेती करने वाले किसानों के लिए। इसलिए उन्हें भी इस विधि का पता होना अति आवश्यक है ताकि वे भी अधिक लाभ कमा सकें।
कैसे करें धान की सीधी बुवाई
धान की सीधी बुवाई करने की तीन विधियां हैं आपको जो विधि अच्छी लगे आप उस विधि से धान की सीधी बुवाई कर सकते हैं।
पहली विधि
धान की सीधी बुवाई की इस विधि में आपको खेत में सर्वप्रथम पानी भर दें फिर रोटावेटर से खेत की जुताई करा कर सीड ड्रिल सिस्टम से बीज की बुवाई कर दे। सीड ड्रिल सिस्टम के लिए गेहूं की बुवाई के लिए अलग मशीन आती है और धान की बुवाई के लिए अलग मशीन आती है लेकिन कुछ किसान भाई जुगाड़ लगाकर के गेहूं की बुवाई वाली मशीन से ही धान के बीज की बुवाई कर लेते हैं।
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दूसरी विधि
इस विधि में आपको पहले पलेवा करना है अर्थात खेत को पानी से भर देना है फिर जब खेत सूख जाए जुताई करने के लायक हो जाए तब आप खेत की जुताई कल्टीवेटर से फिर रोटावेटर से करने के बाद सीड ड्रिल सिस्टम से धान के बीज की बुवाई खाद के साथ कर दें। और जब फसल 5 से 7 दिन की हो जाए तब उसकी पहली सिंचाई कर दें।
तीसरी विधि
यदि आपके पास सीड ड्रिल सिस्टम से बुवाई करने के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं है और यदि आप नहीं चाहते हैं कि आप थोड़ा सा भी अधिक पैसा खर्च करें तो यह विधि आपके लिए है।
इस विधि में खेत का पहले पलेवा करें फिर कल्टीवेटर से एक बार जुताई कर दें उसके बाद धान के बीज को हाथ से छिट दे। जिसे छिटकवा विधि कहते हैं। जिसके बाद खेत की कल्टीवेटर से मिलाई हेंगा के साथ करा दे।
बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए
एक बीघे खेत में अर्थात 20 बिस्सा धान की बुआई के लिए बीज की दर 6 किलो से 8 किलो तक रखनी चाहिए। यदि संभव हो सके तो उसी समय डीएपी खाद 1 से 2 किलो प्रति बिस्सा की दर से तुरंत छिड़काव कर दें।
सावधानियां
बीज की बुवाई कब करें जब मानसून आने वाला हो मानसून के आने से 1 हफ्ते पहले आपको इस विधि से धान के बीज की बुवाई करें।
धान की सीधी बुवाई के इस विधि में आप उसी किस्म का चुनाव करें जो कम से कम समय में तैयार हो जाती है। यदि आपके पास पानी की अच्छी सुविधा है तो किसी भी किस्म की बुवाई कर सकते हैं। बीज की बुवाई के 15 दिन बाद इसमें आप खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव कर दे।
नोट – पूरी जानकारी के लिए इस वीडियो को देखें।
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