Profitable Farming: किसानी एक घाटे का सौदा है वर्षों से यही कहावत सुनाई जा रही है। भारत में वर्तमान समय में आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है लेकिन फिर भी खेती को घाटे का सौदा क्यों कहा जाता है आज तक हम किताबों में जो पढ़ते आए हैं वह किताबों में सिर्फ गरीब किसान की कहानियाँ कविता के रूप में पढ़ाई गई है।
फिल्मे भी दिखाई जाती हैं वह भी गरीब किसान पर आधारित होती हैं। लोगों के दिमाग में डाल दिया गया है कि किसानी एक घाटे का सौदा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि देश में किसानों के पास किसानी से सम्बंधित बेसिक जानकारी न होना।
जिस कारण किसान खेती से लाभ नहीं कमा पता है। यदि आप चाहते हो कि किसानी से अच्छी कमाई हो, नुकसान ना उठाना पड़े, तो इस पांच मूल मंत्र को जरूर जाने।
किसान मित्रों आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से अवश्य जुड़े वहां पर ऐसी जानकारियां साझा की जाती हैं।
खेती से लाभ कमाने के पांच मूल मंत्र
Profitable Farming: यदि आपके पास किसी भी क्षेत्र में अच्छी स्किल होगी तो आप वहां पर अच्छी कमाई करेंगे। यह निर्भर नहीं करता है कि आप खेती करते हैं या जॉब करते हैं या अपना खुद का एक बिजनेस करते हैं। जैसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि परिवर्तन ही संसार का नियम है यदि आप स्वयं में परिवर्तन लाते रहेंगे अपने स्किल को अपने ज्ञान को बढ़ाते रहेंगे तो आप जरुर सफल होंगे।
खेती में इसलिए किसान असफल हो जाता है क्योंकि वह ट्रेडिशनल तरीके से खेती करता आ रहा है। यदि आप भी भेड़ बकरियों वाली चाल चलेंगे तो आपका भी वही हाल होगा जो वर्षों से किसानों का हाल होता आया है।
आज आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद एक प्रण लीजिए कि आप अपने अंदर स्किल को बढ़ाएंगे अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे और खेती को एक नए तरीके करेंगे या कहे एडवांस तरीके से करेंगे भले ही आपके पास उतनी पूंजी ना हो लेकिन जुगाड़ तो आप कर ही सकते हैं। ताकि आपकी भी आमदनी बढे और देश की इकोनॉमी में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान हो।
यदि आप चाहते हैं की कर्ज से आपको छुटकारा मिले खेती में आपको घाटा ना सहना पड़े सिर्फ लाभ ही लाभ हो, तो इन पांच मूल मंत्रो का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करें।
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खेती से संबंधित बेसिक जानकारी
मूल मन्त्र संख्या 1
Profitable Farming: आप अपने खेत में जाइए और अपने मिट्टी को पहचानिए। किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले अपने मिट्टी का PH मान अवश्य चेक करें। इस आर्टिकल को पढ़कर के आप जान सकते हैं की मिट्टी का पीएच घर पर कैसे चेक किया जाता है।
किसान अक्सर यह गलती करते हैं कि एक फसल की खेती करने के बाद फिर दूसरी फसल की खेती करता है फिर तीसरी और चौथी लगातार यही क्रिया चलती रहती है। लेकिन मिट्टी से यह नहीं पूछता है कि उसे किस न्यूट्रिशन की आवश्यकता है उसमें आयरन की कमी है, सल्फेट की कमी है, नाइट्रोजन की कमी है या जिस भी उर्वरक की कमी हो मिट्टी की आवश्यकता को पूरी करनी चाहिए।
मिट्टी अंदर ही अंदर रोती रहती है और किसान भईया से कहती रहती है कि मेरे अंदर यह कमी है लेकिन किसान भईया तो अपने में ही मस्त रहते हैं और एक फसल की खेती करने के बाद दूसरी फसल की खेती भी तीसरी फसल की खेती करता रहता है और कभी भी मिट्टी की जांच नहीं करता है की मिट्टी में क्या-क्या कमी है ताकि अगली फसल बोने पर उस फसल से अच्छा प्रॉफिट कमाया जा सके।
मिट्टी का पीएच चेक करने के लिए आप अपने खेत के चारों कोनों से और मध्य से एक मुट्ठी मिट्टी लीजिए और इसका परीक्षण करवाइए और यह जानकारी लीजिए कि आपके खेत की मिट्टी में किसकी कमी है और किसकी अधिकता है। इसके साथ-साथ आप अपने खेत में जिस भी बोरवेल से पानी की सिंचाई करते हैं उस पानी का भी परीक्षण करवाइए।
इससे यह पता चल जाएगा कि खेत की मिट्टी और जिस भी बोरवेल से पानी की सिंचाई करते हैं उस पानी का पीएच मान कितना है। पीएच मान घर पर कैसे चेक कर सकते हैं इसका लिंक ऊपर दिया गया है उस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें।
मूल मन्त्र संख्या 2
गर्मी के मौसम में खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए इससे आधी समस्या तो इस जुताई से ही खत्म हो जाती है। दीमक , घास , कीटपतंग इन सभी का कड़ी धुप लगने के कारण खात्मा हो जाता है। जिस कारण आपको महंगे-महंगे कैमिकल खरीद कर उसका छिड़काव फसल में करनी की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
मूल मन्त्र संख्या 3
आप ज्यादातर यही प्रयास कीजिए कि आप अपने खेत में ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें। इससे आपके खेत की गुणवत्ता बनी रहती है साथ ही आपके खेत का पीएच मान भी संतुलित रहता है। गर्मियों में गहरी जुताई करने के बाद अपने खेत में ढेचा की बुवाई कीजिए अथवा आप कोई भी दलहनी फसल लगा दीजिए।
और उस फसल की शुरुवात में अच्छी ग्रोथ कीजिए और जब फसल 3 से 4 फीट की हो जाए तो उसे फसल की जुताई करवा दीजिए रोटावेटर से या किसी भी उपकरण से, यह खेत को बहुत ही अच्छा लाभ पहुंचाएगा।
ऐसा करने से खेत में अधिक खाद डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और फसल का उत्पादन भी बेहतरीन होगा।
मूल मन्त्र संख्या 4
अपने देश में ट्रेंड के पीछे भागने या कहे भेड़ बकरियों वाली चाल चलने की आदत बहुत है। पड़ोसी किसान किस फसल की खेती कर रहा है वह भी उसी फसल की खेती करेगा।
एक बात हमेशा ध्यान रखें यदि आपके पास दो एकड़, एक एकड़ या उससे भी कम खेत है तो आप सिर्फ सब्जी वर्गीय फसलों का ही खेती करें। और सब्जियों में भी आप कम से कम दो या तीन फसलों को लीजिए। कभी भी एक सब्जी की खेती न करें।
इसमें आपको नुकसान देखना पड़ सकता है। क्योंकि मंडियों में सब्जियों का भाव में उतार चढाव होता रहता है कभी किसी सब्जी या फसल का भाव बहुत ही अधिक हो जाता है और कभी एकदम कम हो जाता है जिससे किसान को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है इसलिए आप तीन या उससे अधिक सब्जी वर्गीय फसलों की खेती करें ताकि यदि एक सब्जी वर्गीय फसल का भाव कम मिले तो दूसरी का अच्छा मिले।
और आप हमेशा ध्यान रखें कि आपके क्षेत्र में खेत की मिट्टी के अनुसार, आप जिस सब्जी वर्गीय फसल की खेती करने जा रहे हैं उसकी कौन सी वेराइटी एवं किस कंपनी की सबसे ज्यादा उत्पादन देती है वही वैरायटी या बीज का चुनाव करें।
अब बात करेंगे जिन किसान भाइयों के पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है या बड़े जमींदार हैं तो आप अपने कुछ खेत में गेहूं, मक्का, कपास या धान जैसी फसलों की खेती करें। लेकिन इसके साथ ही कुछ क्षेत्र में सब्जी वर्गीय फसलों का भी खेती करें। कुछ क्षेत्र में प्रोटेक्टिव फसलों को लगाइए जैसी पॉलीहाउस में लगाया जाता है।
यदि आप ऐसा करते हैं तो खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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मूल मन्त्र संख्या 5
भारत में अधिकतर छोटे किसान हैं जिनके पास कम क्षेत्रफल के खेत हैं और यह सभी किसान दो ही फसलों को सबसे अधिक महत्व देते हैं एक धान की फसल दूसरी गेहूं की फसल, प्रत्येक वर्ष बार-बार यही फसल की खेती करते रहते हैं।
यदि आप चाहते हैं कि आपके खेत की गुणवत्ता बनी रहे उसकी सेहत बनी रहे तो बार-बार एक ही फसल की खेती न करें। जिस भी फसल की खेती करें उससे अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं तो एक ही फसल की खेती बार-बार ना करे।
हमेशा बदल बदल कर फसलों की खेती करें जिससे फसल की उत्पादन भी अधिक होगी और खेत की गुणवत्ता भी बनी रहेगी और खेती में नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा। आपकी आमदनी भी बढ़ेगी जिससे आप अपनी ज़रूरतें अपने कर्ज और अपने शौख भी को पूरा कर सकते हैं और एक सफल किसान बन सकते हैं।
आशा करते हैं कि यह जानकारी पसंद आई होगी किसान भाई इस जानकारी को अपने किसान मित्रों के साथ अवश्य साझा करें ताकि उन्हें भी खेती से संबंधित एक सही जानकारी हो। और खेती किसी भी किसान के लिए निराशा जनक सौदा न हो।
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