चमत्कारी परिणाम: गेहूँ बुवाई से पहले यूरिया देने के जबरदस्त परिणाम – किसान ! कौन बतायेगा – यूरिया (Urea) कब दें ? | Results of giving urea before wheat sowing

गेहूँ बुआई से पहले यूरिया (Urea) देने के जबरदस्त परिणाम – किसान भाई बहुत गजब की जानकारी देंगे। इस लिए लेख को पूरा अंत तक अवश्य पढ़े। बहुत सारे किसान कहते है की गेहूँ बुवाई से पहले यूरिया (Urea) देने से गेहूँ में बहुत अच्छा उठान देखने को मिलता है।

खेत में कही भी पीले – पीले धब्बे नहीं दिखाई देते, कई किसान तो यह भी कहते की हम तो यूरिया (Urea) बुवाई के समय ही दे देते है थोड़ा बहुत जो बचता है खड़ी फसल में देते है। कई सारे किसान यह जान कर कहेंगे ऐसा नहीं करना चाहिए खेत की मिट्टी ख़राब हो जाएगी फसल उगाने लायक नहीं रह जाएगी।

यूरिया का एक दाना भी बुवाई से पहले बिलकुल भी नहीं देना चाहिए लेख थोड़ा सा लम्बा हो सकता है कृपया पूरा अवश्य पढ़े क्योकि बिना पूरा लेख पढ़े आप किसी भी निष्कर्ष पर ना पहुंचे।

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बुवाई से पहले यूरिया (Urea) देने के लाभ है या हानि ?

गेहूँ में यूरिया देने से पहले यह समझना बेहद आवश्यक है कि गेहूँ में यूरिया की कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है। यूरिया (Urea) से गेहूँ को नाइट्रोजन (Nitrogen) प्राप्त होता है और गेहूँ को प्रति हेक्टेयर 120 किलो नाइट्रोजन (Nitrogen) की आवश्यकता पड़ती है। कुछ रिसर्च पेपर में 150 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता बताई गई है।

कुछ स्टडी में यह बताया गया है की 150 किलो नाइट्रोजन (Nitrogen) प्रति हेक्टेयर की दर से देने पर गेहूँ का उत्पादन अच्छा होता है। गेहूं की TOP 5 वैरायटी पैदावार 85 क्विंटल

गेहूँ में नाइट्रोजन देने की विधि

गेहूँ की फसल में 120 से 150 किलो प्रति हेक्टेयर तक नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है और गेहूँ की फसल में तीन विधियों से नाइट्रोजन दिया जाता है। किसान भाई लेख को पूरा पढ़े बहुत शानदार जानकारी देंगे और इसे अपने किसान मित्रो के साथ शेयर अवश्य करे।

प्रथम विधि

प्रथम विधि में कुल नाइट्रोजन (Nitrogen) की मात्रा का 50% बुवाई के समय और अतिरिक्त 50% पहली सिंचाई से पहले दिया जाता है।

द्वितीय विधि

दूसरी विधि में कुल नाइट्रोजन की मात्रा का 50% बुवाई के समय और अतिरिक्त 50% का 25% पहली सिंचाई पर और अतिरिक्त 25% दूसरी सिंचाई पर दिया जाता है।

तीसरी विधि

तीसरी विधि में कुल नाइट्रोजन (Nitrogen) की मात्रा का 33% बुवाई के समय, 33% पहली सिंचाई पर और 33% दूसरी सिंचाई पर दिया जाता है।

पहले यह समझना आवश्यक है कि गेहूँ की फसल को किस-किस रूप में और कब-कब नाइट्रोजन दिया जाता है। 2023 की सबसे अधिक पैदावार देने वाली गेहूँ की किस्मे

बुवाई के समय 50% नाइट्रोजन का पहला डोज

कुल नाइट्रोजन की मात्रा 120 से 150 किलोग्राम का 50% = 60 से 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

नाइट्रोजन दो स्रोतों से दिया जाता है पहला DAP और दूसरा यूरिया डी ए पी खाद की पॉवर कैसे बढ़ाएँ ?

प्रथम स्त्रोत

DAP Fertilizer में 18% नाइट्रोजन और 46% फास्फोरस होता है।
सामान्यतः गेहूँ की फसल में डीएपी को 100 किलोग्राम से 150 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाता है।

100kg -150kg DAP में नाइट्रोजन की मात्रा =
100kg का 18% = 18kg नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर
150kg का 18% = 27kg नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर
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तो DAP Fertilizer के साथ 18 से 27 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन की मात्रा जाती है।

अब 50% नाइट्रोजन की मात्रा बुवाई के समय पर देनी है, तो

18 से 27 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन की मात्रा डीएपी के साथ जाएगी बाकी की मात्रा यूरिया (Urea) से देनी होगी।

बुवाई के समय कुल नाइट्रोजन की मात्रा 120 से 150 किलोग्राम का 50% होगी।

तो 120 किलोग्राम नाइट्रोजन का 50% = 60 किलोग्राम नाइट्रोजन
150 किलोग्राम नाइट्रोजन का 50% = 75 किलोग्राम नाइट्रोजन
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तो डीएपी के साथ बुवाई के समय 18 किलोग्राम से 27 किलोग्राम नाइट्रोजन की मात्रा जाएगी इस हिसाब से

60kg-18kg = 42kg
अथवा
75kg-27kg = 48kg

तो बुवाई के समय 50% नाइट्रोजन की मात्रा के लिए अब 42kg से 48kg नाइट्रोजन की मात्रा यूरिया (Urea) के माध्यम से देनी होगी।

दूसरा स्रोत यूरिया

यूरिया सॉलिड फर्टिलाइजर में नाइट्रोजन का सबसे सस्ता स्रोत है तो अब नाइट्रोजन की अन्य मात्रा को पूरा करने के लिए यूरिया की कितनी मात्रा देनी होगी।

100 किलोग्राम यूरिया में 46% नाइट्रोजन की मात्रा होती है अर्थात 46 किलोग्राम नाइट्रोजन की मात्रा होगी।

42kg x 100/46 = 91.30 kg यूरिया
अथवा
48kg x 100/46 = 104.34kg यूरिया

इसलिए 42 किलोग्राम नाइट्रोजन प्राप्त करने के लिए हमें 92 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर यूरिया की आवश्यकता होगी।
और 48 किलोग्राम नाइट्रोजन प्राप्त करने के लिए हमें 105 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर यूरिया की आवश्यकता होगी।

बुवाई के समय 33% नाइट्रोजन

अब यदि आप बुवाई के समय 33% ही नाइट्रोजन देना चाहते हैं तब
कुल 120 से 150 किलोग्राम नाइट्रोजन का 33% = 40 किलोग्राम से 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

यह जानकारी पसंद आ रही हो तो ऐसी जानकारियों के लिए हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से अवश्य जुड़े। रामबाड़ उपाय: मोथा ,दूब ,गाजर घास ,जैसे जिद्दी खरपतवारों का जड़ से सफाया

नाइट्रोजन का प्रथम स्त्रोत

100 किलोग्राम से 150 किलोग्राम डीएपी में नाइट्रोजन की मात्रा = 18kg – 27kg

इस हिसाब से –
40 – 18 = 22 kg नाइट्रोजन और चाहिए
अथवा
50 – 27 = 23 kg नाइट्रोजन और चाहिए

दूसरा श्रोत

अब 22 किलोग्राम से 23 किलोग्राम नाइट्रोजन यूरिया से देना होगा।
22 x 100/46 = 48 kg यूरिया
23 x 100/46 = 50 kg यूरिया

अतिरिक्त 22 से 23 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देने के लिए 48 किलोग्राम से 50 किलोग्राम यूरिया की आवश्यकता होगी।

यह प्रैक्टिस करेंगे तो अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। किसानो की गरीबी मिटाने वाली सरसों की हाइब्रिड वैरायटी

तो बुवाई के समय 50% नाइट्रोजन देना चाहते है तब
100kg DAP + 92kg यूरिया अथवा 150kg DAP + 104kg यूरिया देना होगा।

यदि 33% नाइट्रोजन देना चाहते है तब
100kg DAP + 48kg यूरिया अथवा 150kg DAP + 50kg यूरिया देना होगा।

ध्यान देने योग्य बात यदि आपकी हल्की जमीन है तो आप 33 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा वाली विधि में जाएंगे। हल्की बलुई मिट्टी होने पर सिर्फ डीएपी से ही काम चला सकते हैं।

बलुई मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा देने के लिए यूरिया (Urea) को सिंचाई के साथ देना चाहिए क्योंकि पानी में नाइट्रोजन जल्दी घुल जाता है और सिंचाई के समय देने पर पौधों को उसका लाभ मिलता है लेकिन यदि बुवाई के समय दे दिया जाए तो बलुई मिट्टी में नाइट्रोजन पानी के साथ घुलकर मिट्टी के नीचे चला जाएगा जिसका लाभ पौधों को नहीं मिल पाएगा।

तो यदि आप एक ही बार में यूरिया (Urea) की अधिक मात्रा पौधों को दे रहे है तो वह बलुई मिट्टी में पौधों को उसका लाभ नहीं मिलेगा। क्योकि पौधा अपने क्षमता में अनुसार नाइट्रोजन ग्रहण करता है बाकि सब पानी में के माध्यम से जमीं के नीचे चला जाता है।

इसलिए यदि बलुई मिट्टी में गेहूँ की खेती कर रहे है तो यूरिया को जितना हो सके कुल मात्रा के कई हिस्से करके हर सिचाई में थोड़ा थोड़ा करके देना चाहिए। इससे यूरिया के माध्यम से नाइट्रोजन की पूरी मात्रा पौधों को मिलती है जिससे पौधे में ग्रोथ होती है और स्वस्थ होते है जिससे उत्पादन अच्छा होता है। एक एकड़ से 20 लाख रूपए सिर्फ एक फसल से कमाया इस 20 साल के युवा किसान ने।

निष्कर्ष

बुवाई के समय यूरिया (Urea) का इस्तेमाल भारी जमीन के लिए ठीक है अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा परन्तु यदि भारी जमीनों में भी मिट्टी में कार्बनिक पदार्थो की कमी है तो यूरिया का इस्तेमाल बुवाई के समय ब्यर्थ होगा। साथ ही आप जो भी रासायनिक खाद डालेंगे वह भी पूरा लाभ नहीं देगा। इसलिए देसी खाद या वर्मीकपोस्ट खाद साथ में अवश्य डाले बुवाई से पहले, जिसका परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिलेगा। यदि मेरा प्रयास आपको सार्थक लगे तो जो यूरिया देने की सीमा इस लेख में बताई गई है उससे अधिक यूरिया का इस्तेमाल नहीं करे।

आशा करते है की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी तो इस लेख को अपने किसान मित्रो के साथ अवश्य साझा करे। और कमेंट करके अपनी राय अवश्य बताए और हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से भी जुड़े।

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Disclaimer : todaymandibhav.com वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए गए सभी मंडी भाव कृषि चैनल व एजी मार्केट के भावो पर आधारित है, कृपया अपनी फसल को बेचने व खरीदने से पहले अपने पास की मंडी में फसल के भाव जांच अवश्य करें।
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