धान की ग्रोथ, फुटाव, कल्ले ऐसे निकलेंगे लोग खड़े हो कर देखेंगे !

धान की फसल में यूरिया खाद का उपयोग एक महत्वपूर्ण पहलू है। यूरिया एक प्रकार का नाइट्रोजन उर्वरक है जो धान की फसल के लिए आवश्यक नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है। यूरिया का सही उपयोग करने से धान की फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है।

यूरिया का उपयोग क्यों किया जाता है?

धान की फसल को नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है जो प्रोटीन के निर्माण में मदद करता है। प्रोटीन पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक है जो विकास, फूल और फल के लिए आवश्यक है।

यूरिया एक प्रकार का नाइट्रोजन उर्वरक है जो धान की फसल के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है। यूरिया एक अमोनियम नाइट्रेट यौगिक है जो अमोनिया और नाइट्रेट आयनों में विघटित हो जाता है। अमोनिया पौधों द्वारा सीधे अवशोषित किया जाता है, जबकि नाइट्रेट आयन मिट्टी में घुल जाते हैं और पौधों द्वारा जड़ों के माध्यम से अवशोषित होते हैं। धान में शीथ ब्लाइट रोग: लक्षण, उपचार और रोकथाम

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यूरिया का उपयोग कब और कैसे किया जाता है?

धान की फसल में यूरिया का उपयोग तीन चरणों में किया जाता है:

  • पहली बार रोपाई के 20 से 25 दिन बाद, प्रति एकड़ 70 किलो यूरिया का छिड़काव किया जाता है। यह छिड़काव धान की फसल के विकास और कल्ले फूटने में मदद करता है।
  • दूसरी बार जब धान की फसल गवोट की स्थिति में आने को हो, तब प्रति एकड़ 40 किलो यूरिया का छिड़काव किया जाता है। यह छिड़काव धान की फसल की हरी पत्तियों और बाली के विकास में मदद करता है।
  • तीसरी बार जब बाली में चावल का दाना बनना शुरू होता है, तब प्रति एकड़ 15 किलो यूरिया का छिड़काव किया जाता है। यह छिड़काव धान की फसल की बाली की लंबाई और दानों के आकार में सुधार करता है।
  • यूरिया का छिड़काव सुबह या शाम को किया जाना चाहिए। छिड़काव के बाद, खेत में पानी देना चाहिए ताकि यूरिया मिट्टी में अच्छी तरह से मिल जाए।

यूरिया के उपयोग के लाभ

  • धान की फसल में यूरिया के उपयोग के निम्नलिखित लाभ हैं:
  • धान की फसल की उपज में वृद्धि होती है।
  • धान की फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • धान की फसल के विकास और कल्ले फूटने में मदद मिलती है।
  • धान की फसल की हरी पत्तियों और बाली के विकास में मदद मिलती है।
  • धान की फसल की बाली की लंबाई और दानों के आकार में सुधार होता है।

यूरिया के उपयोग के नुकसान

धान की फसल में यूरिया के उपयोग के निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:

  • अधिक यूरिया का उपयोग करने से धान की फसल में नाइट्रोजन विषाक्तता हो सकती है।
  • यूरिया के उपयोग से मिट्टी में नाइट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे अन्य पौधों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है।
  • यूरिया के उपयोग से पानी में नाइट्रोजन के प्रदूषण का खतरा बढ़ सकता है।

यूरिया के उपयोग के लिए सावधानियां

धान की फसल में यूरिया का उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • यूरिया का उपयोग उचित मात्रा में और सही समय पर करना चाहिए।
  • यूरिया का छिड़काव सुबह या शाम को करना चाहिए।
  • छिड़काव के बाद, खेत में पानी देना चाहिए।
  • यूरिया के उपयोग से होने वाले नुकसान से बचने के लिए उचित सावधानियां बरतनी चाहिए।

निष्कर्ष

धान की फसल में यूरिया का उपयोग एक महत्वपूर्ण पहलू है। यूरिया का सही उपयोग करने से धान की फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है।

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Disclaimer : todaymandibhav.com वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए गए सभी मंडी भाव कृषि चैनल व एजी मार्केट के भावो पर आधारित है, कृपया अपनी फसल को बेचने व खरीदने से पहले अपने पास की मंडी में फसल के भाव जांच अवश्य करें।
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