धान की फसल में कई तरह के रोग लगते हैं, जिनमें जैविक और अजैविक दोनों प्रकार के रोग शामिल हैं।

यह एक फफूंद जनित रोग है जो धान की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बनाता है।

जैविक रोग

भूरा धब्बा रोग: 

यह एक फफूंद जनित रोग है जो धान की पत्तियों, पुष्पगुच्छ और बालियों को प्रभावित करता है।

झोंका रोग:

 यह एक जीवाणु जनित रोग है जो धान की पत्तियों को प्रभावित करता है।

बकानी रोग:

यह एक जिंक की कमी से होने वाला रोग है जो धान की पत्तियों को पीला कर देता है।

खैरा रोग: 

धान की फसल में कई तरह के कीट लगते हैं, जिनमें धान की तना भेदक, धान की टिड्डी और धान का पत्ती भेदक शामिल हैं।

कीट: 

अजैविक रोग

 धान की फसल में कई तरह के खरपतवार उगते हैं, जो धान की फसल के विकास को रोकते हैं।

खरपतवार:

धान की फसल को भारी वर्षा, बाढ़ और सूखे से नुकसान हो सकता है।

जलवायु संबंधी कारक: 

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